ऐसा माना जाता है की जो आप आज हो वो आपके कल लिए हुए निर्णयों का परिणाम है। यदि आप आज सफल हो तो इसका मतलब ये है की आप ने कुछ सही निर्णय अपने भूत काल में लिए थे। और यदि आप आज असफल हो तो आपने कुछ गलत निर्णय अपने भूत काल में लिए होंगे।
इसलिए ये सबसे ज्यादा जरुरी है की हम अपने निर्णय लेने के तरीको को सही (How To Make Right Decision In Hindi) करे। हम सबकी लाइफ में कभी न कभी ऐसा समय आता है जहाँ हमें अचानक कुछ निर्णय लेने पड़ते है।
या फिर हमारे रोज के दैनिक जींवन में बहुत सी बार ऐसी स्तिथि आ जाती है जहाँ हमें कुछ निर्णय लेने पड़ते है। तो आज हम आपको इस पोस्ट में वो 7 तरीके बतायंगे जिससे आपकी निर्णेय लेने की क्षमता बड़ जाएगी और आप एक दम सही निर्णय ले पाएंगे। जोकि आपके लिए बहुत जरुरी है।
और दोस्तों ये जितने भी टॉपिक है वो सब हमने श्री मद भगवत गीता (Shri Mad Bhagwat Geeta Updesh In Hindi) से लिए है। हमें अपने निर्णय कब और कैसे लेने चाहिए इन सब का जवाब श्री मद भगवत गीता में दिया गया है। और ये शब्द श्री कृष्ण ने 5000 साल पहले तब कहे थे जब अर्जुन अपने युद्ध करने के निर्णय को सही तरीके से नहीं ले पा रहा था। और ये बाते आज भी उतनी ही सही है जितनी की 5000 साल पहले थी।
तो आईये जानते है की श्री कृष्ण ने अर्जुन को वो कोनसी बाते बताई थी जिससे अर्जुन ने युद्ध को करने का निर्णय लिया था।
जीवन में सही निर्णय कैसे लें | How To Make Right Decision In Life In Hindi | Shri Mad Bhagwat Geeta In Hindi
1: Feeling Are Temporary
जब अर्जुन को युद्ध करना था तब भी वो तैयार नहीं था और उसने कहा की भगवन मेरी युद्ध करने की बिलकुल इच्छा नहीं है। में ये युद्ध नहीं करना चाहता। तब श्री कृष्ण ने कहा की पार्थ ये तुम नहीं बोल रहे बल्कि ये तुम्हारे अंदर की भावना बोल रही है। और ये भावना जो तुम्हारे अंदर है वो सिर्फ कुछ समय के लिए ही है। और इसलिए तुम इस समय इन भावनाओ के कारण अपने कर्तव्यों से मुँह नहीं मोड़ सकते हो। इसलिए ये युद्ध तुमको करना ही पड़ेगा।
इसका मतलब ये है दोस्तों आपको कभी भी कोई निर्णय अपनी भावनाओ में आकर नहीं लेना चाहिए। बल्कि आपको वो डिसिशन लेने चाहिए जो आपके लिए सही हो।
बहुत सी बार ऐसा होता है की हम अपनी ख़ुशी के लिए गलत निर्णेय ले लेते है। जैसे मान लीजिये की आपको पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता लेकिन आप इसको छोड़ नहीं सकते क्योकि आप अपनी कुछ समय की ख़ुशी के लिए अपने भविष्य को खराब नहीं कर सकते। इसलिए आपको अपने निर्णयों को अपनी भावनाओ पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
2: Never Take Decision In Extreme Emotion
बहुत बार ऐसा होता है की हम जब बहुत ज्यादा खुश होते है या फिर बहुत ज्यादा दुखी तो हम कुछ ऐसे डिसिशन ले लेते है जो की हमारे लिए आगे जाकर बहुत खतरनाक साबित होता है।
इसलिए हमें उस समय कभी भी कोई निर्णय या वादा नहीं करना चाहिए जब हम सबसे ज्यादा खुश या दुखी हो।
3: Ask Yourself
जब भी आप कोई निर्णय ले तो उससे पहले आपको अपने आप से ये सवाल पूछ लेना चाहिए की जो आप निर्णय ले रहे है वो सही है या नहीं। आपको अपने आप से ये पूछना चाहिए इस निर्णय का मेरे ऊपर क्या असर पड़ेगा।
और जब आप कोई गलत काम करते हो आपके अंदर से भी आपको फील होने लगता है की ये सही नहीं है तो आपको उस निर्णय को नहीं लेना चाहिए।
4: Accepts All Change
जब भी हम कोई नया निर्णय लेते है तो उसमे हमें कुछ बदलाव का सामना करना पड़ता है। यदि आप एक नयी जॉब जाना चाहते है तो आपको उस जगह पर नए लोग नयी सुविधाएं और वाहा का वातावरण सब कुछ चेंज मिलेगा ।
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लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जिनको बदलाव बिलकुल भी रास नहीं आता। वो किसी भी बदलाव को करने में डरते है। वो अपनी जिंदगी को वैसे ही जीना चाहता है जैसी वो पहले जी रहे थे। बस एक यही बड़ा कारण है की लोग सही निर्णय नहीं ले पाते।
इसलिए हमें ये समझना चाहिए की परिवर्तन ही हमारे जींवन का नियम है और हमें इसको स्वीकार करना चाहिए। और हमारे निर्णय से जो भी बदलाव हो उनको हमें स्वीकार करना चाहिए।
5: Belief and Faith in Your Self
में यहाँ आपसे ये पूछना चाहता हु की आपको खुद पर यकीं है या नहीं क्योकि यदि आपको खुद पर यकीन नहीं होगा तो आप कभी भी सही तरीके से कोई निर्णय नहीं ले सकते।
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क्योकि जब हमें खुद पर यकीन होता है तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है और हमारे निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। फिर हम सही निर्णय लेने में सक्षम हो जाते है।
6: You’re Decision Good for Society
जब आप कोई निर्णय लेते हो तो उसका असर आपके साथ साथ आपके आस पास के लोगो पर भी उतना ही पड़ता है जितना की आप पर पड़ता है। इसलिए आपको निर्णय लेते समय ये भी ध्यान में रखना चाहिए की ये आपके हित के साथ समाज के हित में भी सही होना चाहिए। जब जाकर ही वो निर्णय एक सही निर्णय की श्रेणी में आएगा।
7: Trust In the God
कई बार ऐसा होता है की हम निर्णय लेने के बाद बहुत परेशान होने लगते ये सोच कर की उस निर्णय का परिणाम क्या होगा। जोकि बिलकुल भी सही नहीं है।
निर्णय लेने के बाद हमें सबकुछ अपने भगवान पर छोड़ देना चाहिए। और हमे ये विश्वास करना चाहिए की भगवन जो भी करेंगे वो सही होगा। हमें अपने भगवन पर पूरा भरोसा रखना चाहिए। जब जाकर ही हम अपनी योजना में सफल हो सकते है।
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